2012-08-01
अंतरिक्ष | अरुण
- अरुण ग्रह सू्र्य से सातवाँ ग्रह है.
- शनि को पार करके किसी अंतरिक्ष यान को अरुण तक पहुँचने के लिए डेढ़ अरब कि0मी0 और चलना पड़ेगा, यानि अरुण छटे ग्रह से तकरीबन दुगुनी दूरी पर है.
- बेशक वरुण ग्रह अरुण से ज्यादा दूर है, पर अरुण सबसे ठण्डा है. यहाँ तापमान -197.15 डिग्री नापा गया है.
- ज्यादातर ग्रहों की अक्ष रेखाएँ क्रांतिमण्डल से लम्बवत्त हैं, पर अरुण का अक्ष उससे तकरीबन समानांतर है. जब वॉएजर-2 (जलयात्री-2) यान उसके पास से गुज़रा था, अरुण का दक्षिण ध्रुव सीधे सूर्य की तरफ निशाना साधे था. इसका मतलब है कि अरुण के ध्रुवी क्षेत्र उसके भूमध्यवर्ती क्षेत्रों से ज्यादा सौर ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जो एक अजूबा है. इसके बावजूद भूमध्यवर्ती क्षेत्र ध्रुवी क्षेत्रों से गर्म हैं. ऐसा क्यों है, अभी पता नहीं है. इस तीव्र झुकाव की वजह से ध्रुवों पर रात हमारे 21 साल लंबी होती है, जिसके दौरान वहाँ सूरज से न रोशनी मिलती है न गर्मी.
- अरुण पर तेज़ हवाएँ 720 कि0मी0 प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं.
- उसका नीला रंग उसके वायुमंडल में मीथेन से है, क्योंकि यह लाल रोशनी को पार नहीं करता है. वॉएजर-2 ने इसपर कोई आकृतियाँ नहीं देखी थीं. वहाँ अब तक केवल एक यही यान गया है, 24 जनवरी 1986 को.
- अन्य गैस ग्रहों की तरह अरुण के भी वलय हैं, जो बर्फ़ और कंकड़ों से बने हैं. किन्तु ये इतने अस्पष्ट हैं कि इन्हें देखने के लिए खास यंत्रों को उपयोग करना पड़ता है.
- अरुण के वायुमंडल में 83 प्रतिशत हाइड्रोजन, 15 प्रतिशत हीलियम और 2 प्रतिशत मीथेन है. नाममात्र पानी और अमोनिया भी पाए गए हैं.
- अरुण के सबसे बड़े चाँद ओबरौन व टटानिया हैं, जिन्हें विलियम हर्शल ने 1787 में खोजा था. अब तक अरुण के कुल 27 उपग्रह खोजे गए हैं.
श्री लॅस्रेंट प्लेनर का मूल पोस्ट (जिसका यह अनुवाद है) गूगल+ पर प्रकाशित हुआ था.
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