2012-08-22
अंतरिक्ष | बुध ग्रह
आपको बुध ग्रह के बारे में जो भी जानना था, पर जिसे आप गूगल करना नहीं जानते हो.
- बुघ ग्रह का वायुमंडल इतना पतला है कि उसे ढूँढते रह जाओगे.
- इस वजह से बुध का आकाश काला है और शायद वहाँ दिन में तारे दिखते हों.
- क्योंकि वह धीरे-धीरे घूमता है (हमारे 59 दिनों में एक बार धूमता है) और तेज़ी से सूर्य के चक्कर काटता है, बुध का एक दिन (सूर्योदय से सूर्यास्त तक) करीब हमारे 120 दिनों के बराबर है.
- उसकी सतह चाँद से काफ़ी मिलती-जुलती है, और उसपर भी गहरे रंग के समतल क्षेत्र और कटोरी-नुमः गड्ढे हैं, जिससे पता चलता है कि भूविज्ञान की दृष्टि से वह कई अरब सालों से निष्क्रिय है. क्योंकि हमारा अधिकतर ज्ञान मैरिनर (मल्लाह) यान के 1975 के सफ़र से ही है, बुध के बारे में सभी ग्रहों से कम ही जानते हैं. (लेकिन अब वहाँ मेसेन्जर (दूत) यान पार कर रहा है, जो 2013 तक वहीं होगा).
- बुध पर तापमान 430 डिग्री तक जा सकता है. पर क्योंकि वहाँ वायु नहीं है, रात को वह -280 डिग्री तक गिर भी सकता है.
- बुध का अंडाकार ग्रहपथ उसे सूर्य के 4.7 करोड़ कि0मी0 पास और 7 करोड़ कि0मी0 दूर तक ले जाता है. यदि उसकी झुलसती हुई सतह पर कोई खड़ा हो सकता जब वह सूर्य के सबसे पास हो, तो सूर्य जितना बड़ा पृथ्वी से दिखता है, उससे तिगुणा बड़ा नज़र आता.
- बुध के क्रोड़ में अन्य ग्रहों के मुकाबले अधिक लोहा है और इसको समझने के लिए कई सिद्धांत पेश किए गए हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा मानी हुई है कि शुरू में बुध में धातु-सिलिकेट का परिमाण वैसा ही था जैसा आम क्रौन्डाइट उल्कापिंडों में होता है.
और ज्ञान के लिए- Nineplanets.org
NASA
National Geographic
Space.com
http://airandspace.si.edu/Planetfacts
मूल पोस्ट श्री लॅस्रेंट प्लेनर ने गूगल+ पे की थी. इनके इन दिलचस्प पोस्टों की वजह से मेरी तकनीकी हिन्दी भी सुधर रही है, और मेरी टंकण भी अब 10 शब्द प्रति मिनट तक बढ़ गई है. :)
(यदि आपको मेरे हिंदी अनुवाद पसंद हैं, तो प्रोत्साहन के लिए कृप्या छोटी सी टिप्पणी कीजिए.)